प्रेम ऊगता रहा रिश्तों की बंज़र ज़मीन पर उम्मीदों की फसल सा लहलहाता रहा प्रेम ऊगता रहा रिश्तों की बंज़र ज़मीन पर उम्मीदों की फसल सा लहलहाता रहा
हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए हर एक सांस हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए...
प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल के वासना में प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल क...
बड़े बड़े ज्ञानी पुरुषों ने प्रेम को माना जीवन आधार। सद बर्ताव व मीठी बोली से, प्रसन्न बड़े बड़े ज्ञानी पुरुषों ने प्रेम को माना जीवन आधार। सद बर्ताव व मीठी बोली स...
जब कोई अपनों के लिए अपना सब कुछ वार देता है, अपनों के दुख अपना लेता है बदले में खुश जब कोई अपनों के लिए अपना सब कुछ वार देता है, अपनों के दुख अपना लेता है ...
धीमा दरिया हो रहा, सब नीर रेत में खो रहा, सब धूप प्रेम का ढल गया अब सूर्य स्वप्न का धीमा दरिया हो रहा, सब नीर रेत में खो रहा, सब धूप प्रेम का ढल गया अब सूर...